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प्रेगनेंसी में पानी पीने का क्या महत्त्व है?
प्रेगनेंसी हर महिला के जीवन में आने वाला वह खुशनुमा दौर है जिसमें महिला को अपने साथ-साथ अपने आने वाले शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी सजग रहने की ज़रुरत होती है. और इसीलिए वो हर एक महिला जो माँ बनने वाली हैं, उन्हें प्रेगनेंसी में पानी पीने के फायदे क्या है इस बारे में ज़रूर पता होना चाहिए.
पानी प्रकृति के द्वारा दिया गया वो अमूल्य उपहार है जिसका कोई मोल नहीं और यह उपहार हमें प्रकृति से निःशुल्क प्राप्त होता है.
पानी की कमी से हमारे शरीर में कई सारी ऐसी बीमारियां जन्म ले लेती हैं जिनका एकमात्र इलाज है पानी. इसलिए डॉक्टर्स भी कई बीमारियों के इलाज के लिए अपने मरीज को खूब सारा पानी पीने की हिदायत देते हैं. एक हेल्दी प्रेगनेंसी होने के लिए भी पानी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में बहुत सारे बदलाव का आना स्वाभाविक है. ऐसे में महिला को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखने की ज़रूरत होती है.
ये तो हम सभी जानते हैं कि पानी मानव जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान पानी पीने का महत्त्व और भी अधिक बढ़ जाता है.
इस समय गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बहुत ही आवश्यक हो जाता है, ताकि प्रेगनेंसी में किसी भी प्रकार की कोई complication ना आए और माँ व उसके गर्भ में पल रहा शिशु दोनों एकदम स्वस्थ रहें.
प्रेगनेंट महिला को रोज कितना पानी पीना चाहिए?
प्रेगनेंसी में आपको अपने शरीर को पूरी तरह से हाईड्रेट रखने की ज़रूरत होती है इसलिए आपको तरल पदार्थों का निरंतर सेवन करते रहना चाहिए. इसके लिए आप पानी के साथ-साथ जूस, लस्सी, छांछ, सूप, नींबू पानी, नारियल पानी व जलजीरा आदि भी ले सकती हैं.
फलों में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, पोटेशियम और अन्य पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक व मानसिक विकास में भी मदत करते हैं और साथ ही शरीर में पानी की कमी को भी दूर करते हैं.
इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान ताजे फलों का जूस पीना बहुत ही फायदेमंद होता है. इस वक्त आपको ऐसे फलों व सब्जियों का सेवन करना चाहिए जिनमें पानी की मात्रा अधिक हो, जैसे- खीरा, टमाटर, तरबूज, मूली, पालक, अंगूर आदि.
हर महिला की जरूरत व शरीर के हिसाब से पानी की मात्रा में फ़र्क हो सकता है लेकिन सामान्य तौर पर प्रेगनेंसी के शुरू के तीन माह में आपको रोजाना 2 से 3 लीटर यानि 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए और दूसरे व तीसरे तिमाही में पानी की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए.
अब आपको रोज़ाना 3 से 4 लीटर यानि की 9 से 12 गिलास पानी पीना चाहिए. इसके साथ ही आपको रोज सलाद का भी सेवन करना चाहिए.
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प्रेगनेंसी में पानी पीने के क्या फायदे हैं?
आपके होने वाले शिशु के समुचित विकास के लिए ये बेहद जरूरी है कि आपका शरीर सुचारू रूप से अपना कार्य करे. यदि आप अपनी पूरी प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करती हैं तो आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा और आपके शरीर के सभी अंग उचित तरीके से अपना काम करेंगे.
चलिए अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से गर्भवती महिला को कौन-कौन से फायदे हो सकते हैं.
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है
ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है पानी हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, जिससे शरीर के सभी अंगों में oxygen व जरूरी पोषक तत्व सही मात्रा में पहुंचते हैं. इससे माँ व शिशु दोनों के शारीरिक अंग स्वस्थ रहते हैं.
विषैले तत्व बाहर निकलते हैं
पर्याप्त पानी पीने से प्रेगनेंट महिला का शरीर हाइड्रेट रहता है और इससे शरीर के सारे toxins यानि विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं.
एनर्जी लेवल को बढ़ाने में सहायक होता है
प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंट महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होने के कारण उन्हें बहुत थकान महसूस होती है. अतः नियमित रूप से पानी का सेवन करने से प्रेगनेंट महिला हर वक़्त ऊर्जावान रहती है. पानी महिला के एनर्जी लेवल को बढ़ाने में बहुत सहायक होता है.
मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से राहत
प्रेगनेंसी के शुरूआती महीनों में कुछ महिलाओं को उल्टी, मतली या मॉर्निंग सिकनेस जैसी समस्याओं का सामना बहुत अधिक करना पड़ता है, जो कि डिहाइड्रेशन का ही एक रूप है. रोजाना पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से महिला को मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से राहत मिलती है.
कब्ज और पाइल्स की समस्या से राहत
प्रेगनेंसी में खूब पानी पीने से महिला का पेट व पाचन तंत्र सही रहता है और कब्ज की शिकायत भी नहीं रहती. यदि आप प्रेगनेंसी के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीती हैं तो डिलीवरी के बाद भी आपको ना तो कब्ज की समस्या होगी और ना ही पाइल्स की.
इसके अलावा खूब पानी पीने से आप चक्कर, कमजोरी, ब्लैडर इंफेक्शन व हाथ पैरों में सूजन आदि की शिकायत से भी बच सकती हैं.
शिशु की त्वचा का समुचित विकास
यदि आप पूरी प्रेगनेंसी के दौरान खूब सारा पानी पीती हैं तो यह पानी सभी पोषक तत्वों को गर्भ में पल रहे शिशु तक पहुंचाने में मदद करता है. इससे आपकी त्वचा कोमल होती है और साथ ही आपके शिशु की त्वचा का भी अच्छी तरह से विकास होता है.
शिशु का पेट में खूब हलचल करना
जब आपका बेबी पेट में मूवमेंट यानि हलचल करना शुरू करता है तब आपके द्वारा ग्रहण किया गया पानी ही आपके बेबी को पेट में एक्टिव रखने में मदत करता है. पर्याप्त पानी की वजह से ही बच्चा पेट में आसानी से घूम सकता है, जिससे बच्चे के हाथ-पैर मजबूत होते हैं.
महिला की नॉर्मल डिलीवरी होना
एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए जितना अधिक हो सके पानी पीजिए, क्योंकि पर्याप्त पानी पीने वाली महिलाओं की डिलीवरी में भी आसानी होती है और नॉर्मल डिलीवरी की बहुत अधिक संभावना रहती है.
यूरीन इन्फेक्शन से बचाव में सहायक
प्रेगनेंसी के दौरान यदि किसी महिला को यूरीन इन्फेक्शन हो जाता है तो इससे राहत पाने के लिए डॉक्टर्स के द्वारा महिला को खूब सारा पानी पीने की सलाह दी जाती है. इस स्थिति में नारियल पानी पीना भी काफ़ी फायदेमंद होता है.
लो ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत
पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से गैस, एसिडिटी, सिरदर्द तथा लो ब्लड प्रेशर की समस्या से भी छुटकारा मिलता है.
शिशु की गर्भनाल का विकास होना
पानी से ही प्रेगनेंट महिला के गर्भ में शिशु की गर्भनाल विकसित होती है और इसी से गर्भ में पल रहे शिशु को सारे पोषक तत्व मिलते हैं अतः पूरी प्रेगनेंसी के दौरान आपको खूब पानी पीना चाहिए.
प्रेगनेंसी में पानी पीने के फायदे से सम्बंधित सवाल-जवाब
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क्या प्रेग्नेंट महिला को ज्यादा पानी पीना चाहिए?
हर महिला की जरूरत और शरीर के हिसाब से पानी की मात्रा अलग-अलग हो सकती है लेकिन सामान्यतः हर गर्भवती महिला को रोजाना 2 से 3 लीटर तक पानी पीना चाहिए.
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प्रेग्नेंसी के कौन से हफ्ते से पानी पीने की मात्रा बढ़ानी चाहिए?
प्रेग्नेंसी के 25-27वें हफ्ते तक तो आप उतना ही पानी पिएं जितना कि आम दिनों में पीती हैं लेकिन जैसे-जैसे गर्भ में आपके बच्चे की ग्रोथ बढ़ती जाती है यानि की 27वें हफ्ते के बाद आपको पानी का इनटेक बढ़ा देना चाहिए.
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प्रेग्नेंसी में पानी की कमी को कैसे पहचानें?
यदि आपके यूरीन का रंग डार्क यलो (गाढ़ा पीला) है तो समझ जाइए कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है. ऐसे में आपको पीने के पानी की मात्रा बढ़ानी चाहिए.
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कौन से ऐसे पेय पदार्थ हैं जिनका सेवन गर्भावस्था में नहीं करना चाहिए?
1.चाय और कॉफी: इनमें कैफ़ीन अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कि गर्भावस्था के दौरान महिला व उसके शिशु दोनों के लिए ही खतरनाक है.
2.फ्रूट स्क्वाश: स्क्वाश में शुगर अत्यधिक मात्रा में मौजूद होती है और इसमें ताजे फ़लों जितने पोषक तत्व मौजूद नहीं होते हैं.
3.सोडायुक्त पेय: इनसे आपको एसीडिटी और सीने में जलन की शिकायत हो सकती है.
4.एनर्जी ड्रिंक्स: इनमें आमतौर पर कैफीन का मात्रा बहुत ज्यादा होती है इसलिए गर्भावस्था में इनका अधिक सेवन नहीं करना चाहिए.
5.शराब: पूरी प्रेगनेंसी के दौरान आपको शराब के सेवन से बचना चाहिए. पहली तिमाही में यदि आप इसका सेवन करती हैं तो इससे गर्भपात का ख़तरा बढ़ जाता है.