हिन्दू धर्म के प्रमुख त्यौहारों में से एक है हनुमान जयंती. हनुमान जयंती भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. आइए जानते हैं कि इस बार हनुमान जयंती कब है और हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?
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हनुमान जयंती कब मनाई जाती है? – Hanuman Jayanti Kab Manai Jati Hai?
रामभक्त हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार और कलयुग का देवता माना जाता है. हनुमान जी वायुदेव के पुत्र और भगवान शिव के अंशावतार कहे जाते हैं. इसलिए उन्हें पवनपुत्र के नाम से भी जाना जाता है.
शास्त्रों के अनुसार पवनपुत्र हनुमान जी का जन्म चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को हुआ था लेकिन हिन्दू पंचांग के अनुसार हनुमान जयंती प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है.
हनुमान जयंती कब है 2022? – Hanuman Jayanti Kab Hai 2022
हनुमान जी का जन्म मंगलवार के दिन हुआ था इसलिए मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है. इस साल 2022 में हनुमान जयंती 16 अप्रैल को पूर्णिमा तिथि में दिन शनिवार को मनाई जाएगी.
हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है. शास्त्रों में उनके 108 नाम बताये गये हैं. जैसे: मारुति, अंजनी पुत्र, केसरी नंदन, वायुपुत्र, महाबली, रामेष्ट, पिंगाक्ष, फाल्गुन सखा, अमितविक्रम, उदधिक्रमण, सीताशोकविनाशन, लक्ष्मणप्राणदाता, दशग्रीवदर्पहा, कपीश्वराय, महाकायाय, रामदूताय, वानरेश्वर, हनुमत आदि.
हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? – Hanuman Jayanti Kyon Manai Jati Hai?
ऐसा माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी ने वानर जाति में वानरराज केसरी और माता अंजनी के घर में जन्म लिया था. इसी कारण उन्हें आंजनाय तथा केसरीनंदन भी कहा जाता है और हनुमान जी के जन्मोत्सव को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है.
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हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है? – Hanuman Jayanti Kaise Manai Jati Hai?
इस दिन हनुमान जी के भक्त विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं, हनुमान जयंती का व्रत रखते हैं और हनुमान मंदिर मे दर्शन के लिए जाते हैं. जगह-जगह हनुमान जी की भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाती हैं.
घरों एवं मंदिरों में हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकाण्ड, रामायण एवं रामचरितमानस का पाठ किया जाता है. हनुमान जी प्रभु श्री रामजी के अनन्य भक्त माने जाते हैं इसलिए श्री राम की पूजा के बिना हनुमान जी की पूजा भी अधूरी मानी जाती है.
अतः, हनुमान जी की पूजा अर्चना के साथ-साथ भगवान श्री राम की आराधना भी अवश्य की जाती है. सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर भगवान श्री राम, माता सीता व श्री हनुमान जी का स्मरण करके व्रत का संकल्प लिया जाता है. बल एवं बुद्धि के देवता पवनसुत हनुमान जी की आराधना करने वाले भक्त पर हनुमान जी विशेष कृपा करते हैं.
कहा जाता है कि एक बार अपने आराध्य श्री राम की लम्बी उम्र के लिए रामभक्त हनुमान जी ने अपने पूरे शरीर पर सिंदूर चढ़ा लिया था इसलिए आज भी हनुमानजी को चोला, सिंदूर, चांदी का वर्क, मिठाई और सुगंधित फूल चढ़ाए जाने की परंपरा है. क्योंकि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए इन्हें जनेऊ भी चढ़ाया जाता है.
हनुमान जयंती का महत्व – Hanuman Jayanti Ka Mahatv
हनुमान जयंती का दिन हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखता है. शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जी को चिरंजीवी अर्थात् अमर होने का वरदान प्राप्त है अतः ऐसा माना जाता है कि वे आज भी इस धरती पर वास करते हैं.
प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा-आराधना करने वाले व्यक्ति को जीवन में संकटों से मुक्ति एवं मन की शांति प्राप्त होती है. इसलिए हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है. इनकी नित्य आराधना करने से व्यक्ति को नकारात्मक ऊर्जा, भूत-प्रेत, बाधा एवं भय आदि से पूर्णतः मुक्ति मिल जाती है.
सभी पाठकगणों को हनुमान जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं.
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