आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे Gripe water uses के बारे में, यानि की ग्राइप वाटर के फायदे क्या हैं? नवजात शिशु का रोना एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन यदि पेट भरने और नींद पूरी होने के बावजूद भी आपका शिशु लगातार बहुत देर तक रोता ही रहे तो यह आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है. कभी-कभी तो शिशु के रोने का कारण समझ पाना बहुत मुश्किल हो जाता है क्योंकि, इतना छोटा बच्चा अपनी समस्या को बोलकर नहीं बता सकता.
कई बार तो बच्चा इतना ज्यादा रोता है कि कुछ समझ में ही नहीं आता है कि आखिर अचानक से बच्चे को हुआ क्या है. बच्चे का यह व्यवहार किसी परेशानी जैसे:-कॉलिक पेन यानि पेट दर्द, गैस का दर्द या फिर दांत निकलने का भी संकेत हो सकता है.
इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए ग्राइप वाटर का इस्तेमाल करना आपके शिशु के लिए फायदेमंद साबित होता है. आप बाज़ार से डाबर(Dabur), वुडवर्ड्स(Woodward’s) या मदर स्पर्श(Mother Sparsh) जैसे किसी भी अच्छे ब्रांड का ग्राइप वाटर खरीद सकते हैं. आइए अब जानते हैं Gripe water uses यानि ग्राइप वाटर के फायदे क्या-क्या हैं.
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ग्राइप वाटर के फायदे क्या हैं? – Gripe Water Ke Fayde Kya Hain?
ग्राइप वाटर का सही तरीके से तथा संतुलित मात्रा में उपयोग करने से यह शिशु के लिए फायदेमंद होता है.
पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करे
कभी-कभी बच्चे को दूध ठीक तरह से नहीं पच पाता है और वे उल्टी कर देते हैं. अपच के कारण बच्चे को हिचकियां आनी शुरू हो जाती हैं. यदि आपके शिशु को पाचन संबंधी समस्या हो तो ऐसे में शिशु को ग्राइप वाटर देना फायदेमंद होता है. ग्राइप वाटर देने से बच्चे को इन समस्याओं में आराम मिलता है.
दांत निकलते समय फायदेमंद
दांत निकलते समय छोटे बच्चे बहुत परेशान रहते हैं. इस दौरान अक्सर बच्चे को मसूढ़ों में दर्द होता है और बार-बार दस्त भी लगते हैं जिस वजह से वह चिड़चिड़ा हो जाता है और बार-बार रोता रहता है. बच्चे को इस परेशानी में राहत देने के लिए ग्राइप वाटर पिलाया जाता है. इससे दांत निकलते समय होने वाले दर्द से बच्चे को राहत मिलती है.
जिन बच्चों के दांत निकलने में देरी हो रही है यदि उन बच्चों को पहले से ही रोज़ाना ग्राइप वाटर पिलाया जाए तो उनके दांत समय पर निकलते हैं और मसूड़ों में दर्द भी नहीं होता है.
पेट फूलने, कब्ज व गैस की समस्या में आराम दे
कई बार छोटे बच्चों को पेट फूलने, कब्ज और गैस बनने की समस्या उत्पन्न हो जाती है और कभी-कभी बहुत ज्यादा रोने की वजह से भी बच्चे के पेट में गैस भर जाती है और बच्चा लगातार रोता रहता है. इस स्थिति से बच्चे को बचाने के लिए ग्राइप वाटर पिलाया जाता है.
कॉलिक पेन अर्थात् पेट दर्द में राहत दे
कभी-कभी बच्चा कॉलिक पेन (पेट दर्द या मरोड़) से बहुत परेशान रहता है और इस दर्द के कारण बच्चा लंबे समय तक रोता रहता है. अतः ऐसी स्थिति में बच्चे को इस दर्द से राहत देने के लिए आप उसे ग्राइप वाटर पिला सकते हैं. इससे बच्चे को राहत मिलेगी और वह शांत होगा.
हिचकी में आराम दे
जैसे-जैसे शिशु के पेट का आकार बढ़ता है उसे बार-बार हिचकी की दिक्कत होने लगती है. कभी-कभी अपच होने के कारण भी बच्चे को हिचकियां आती हैं. ऐसे में बार-बार आने वाली हिचकियों से राहत देने के लिए बच्चे को ग्राइप वाटर पिलाया जाता है.
डिहाइड्रेशन से बचाव करे
गर्मियों के मौसम में बच्चे का गला बार-बार सूखता है इस वजह से उसके शरीर में पानी की कमी हो सकती है. अधिक गर्मी से बच्चे के पेट में भी गर्मी पड़ने का डर रहता है. अतः पानी की कमी से और पेट की गर्मी से बचाने के लिए बच्चे को ग्राइप वाटर पिलाना फायदेमंद रहता है. ग्राइप वाटर बच्चे के शरीर में पानी की कमी भी नहीं होने देता है.
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ग्राइप वाटर देते समय सावधानियां
ग्राइप वाटर की सामग्री ज़रूर चेक करें
आजकल बाज़ार में ग्राइप वाटर कई तरह के आते हैं. किसी ग्राइप वाटर में एल्कोहल, चारकोल और शुगर की मात्रा अधिक होती है तो कोई ग्राइप वाटर एल्कोहल, चारकोल और शुगर फ्री होता है. एल्कोहल, चारकोल और शुगर युक्त ग्राइप वाटर छोटे बच्चों के लिए नुकसानदायक होता है. इसमें मौजूद एल्कोहल और अत्यधिक शुगर से बच्चे के दांत खराब भी हो सकते हैं. इसलिए हमेंशा एल्कोहल फ्री ग्राइप वाटर ही खरीदें.
निर्देशों को ध्यान से पढ़ें
ग्राइप वाटर का इस्तेमाल करने से पहले इसके पैकेट या बोतल पर दिए गये निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें. इसमें साफ़-साफ़ लिखा होता है कि किस उम्र के बच्चे को इसकी कितनी मात्रा देनी चाहिए. निर्देशों के अनुसार ही यह बच्चे को देना चाहिए.
एलर्जी होने पर न दें
कुछ बच्चों को ग्राइप वाटर सूट नहीं करता है. यदि बच्चे को ग्राइप वाटर देने के बाद किसी भी तरह की कोई एलर्जी होती है जैसे- खुजली, उल्टी, डायरिया या सूजन आदि. तो ऐसे में बच्चे को ग्राइप वाटर देना बंद कर दें और उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
एक्सपायरी डेट ज़रूर चेक करें
बच्चे के लिए ग्राइप वाटर खरीदने से पहले उसकी एक्सपायरी डेट ज़रूर चेक करें. क्योंकि आपके बच्चे की सेहत आपके हाथों में है इसलिए आपको यह पता होना चाहिए कि जो ग्राइप वाटर आप अपने बच्चे के लिए खरीद रही हैं उसके बनने और उपयोग करने की तारीख़ कब से कब तक है.
ग्राइप वाटर से संबंधित सवाल-जवाब
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ग्राइप वाटर में क्या पाया जाता है?
ग्राइप वाटर में सौंफ़, अदरक, कैमोमाइल, मुलेठी, दालचीनी, इलायची, लौंग, लेमन बाम और सोडियम बाइकार्बोनेट जैसे तत्व पाए जाते हैं.
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ग्राइप वाटर कितने महीने के बच्चे को देना चाहिए?
बच्चे को ग्राइप वाटर छै माह का हो जाने के बाद ही देना चाहिए.
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क्या ग्राइप वाटर को दूध के साथ मिलाकर दिया जा सकता है?
जी नहीं, बच्चे को ग्राइप वाटर किसी भी तरह के दूध के साथ मिक्स करके न दें क्योंकि, इसमें मौजूद सोडियम बाइकार्बोनेट शिशु के नाजुक पेट पर बुरा प्रभाव डाल सकता है.
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ग्राइप वाटर की तासीर कैसी होती है?
ग्राइप वाटर की तासीर थोड़ी ठंडी होती है इसलिए यदि आपके बच्चे को सर्दी, खांसी या जुखाम है तो उस वक़्त बच्चे को ग्राइप वाटर न पिलाएं.
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बच्चे को ग्राइप वाटर किस उम्र तक दे सकते हैं?
बच्चे को ग्राइप वाटर 3 साल की उम्र तक दे सकते हैं.
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क्या बच्चे को ग्राइप वाटर रोज़ देना चाहिए?
बच्चे को ग्राइप वाटर रोज़ देना आवश्यक नहीं है. जब भी बच्चे को पेट से संबंधित कोई समस्या हो तभी उसे ग्राइप वाटर पिलाएं.
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बच्चों को ग्राइप वाटर कब देना चाहिए?
बच्चे के दांत निकलते समय, कब्ज होने पर, पेट में दर्द या मरोड़ होने पर, गैस बनने पर तथा उल्टी या अपच होने पर उसे ग्राइप वाटर देना चाहिए.