आज इस पोस्ट में हम गर्भपात के बाद केयर टिप्स के बारे में बात करेंगे कि जिन महिलाओं का मिसकैरेज यानि गर्भपात हो जाता है उन्हें मिसकैरेज के बाद क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए.
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, आपकी बदली हुई और अव्यवस्थित जीवनशैली काफ़ी हद तक गर्भावस्था पर भी प्रभाव डालती है. कभी-कभी काम और करियर के चक्कर में आप फैमिली प्लानिंग को टालते रहते हैं और जब इसके बारे में मन बनाते हैं तब आपकी उम्र और लाइफस्टाइल से जुड़ी कई सारी complications सामने आ जाती हैं.
जिस कारण आपको मिसकैरेज जैसे दर्दनाक अनुभव से भी गुज़रना पड़ सकता है. लेकिन इससे भी ज्यादा जरूरी है ये जानना कि यदि कोई महिला मिसकैरेज का सामना करती है तो इसके बाद उन्हें अपना ध्यान कैसे रखना चाहिए.
आज का हमारा यह आर्टिकल गर्भपात के बाद केयर टिप्स ऐसी ही महिलाओं के लिए है जो गर्भपात के दर्द से गुजर चुकी हैं. इसलिए इसे शुरू से अंत तक ध्यान से पढ़ियेगा.
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गर्भपात के बाद केयर टिप्स क्या होनी चाहिए?
मिसकैरेज के बाद नीचे दी गई बातों का ध्यान रखकर आप अपनी देखभाल स्वयं कर सकती हैं लेकिन इसके लिए आपको ये पता होना चाहिए कि गर्भपात के बाद क्या ध्यान रखना चाहिए. जानिए गर्भपात के बाद क्या सावधानियाँ रखनी चाहिए.
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तुरंत प्रेगनेंसी प्लान न करें
गर्भपात के बाद नॉर्मल पीरियड आने में आपको 4 से 6 हफ्ते का समय लग सकता है, जब तक आपको दो मासिक चक्र नॉर्मल रूप से नहीं आ जाते तब तक आपको प्रेगनेंसी प्लान नहीं करनी चाहिए क्योंकि, अभी आपका शरीर एक पूर्ण गर्भावस्था के लिए तैयार नहीं होता है.
तुरंत प्रेगनेंसी प्लान करने से महिला के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है इसलिए, दोबारा गर्भधारण करने के लिए आपको अपने शरीर को तीन से छै माह का समय अवश्य देना चाहिए.
डॉक्टर से पूछे बिना पेनकिलर न लें
मिसकैरेज होने के दो-तीन हफ़्तों तक आपको पेट के निचले हिस्से में दर्द, ऐंठन तथा हल्की स्पॉटिंग या ब्लीडिंग भी हो सकती है तो ऐसे में आपको घबराने की जरूरत नही है. बिना डॉक्टर से सलाह लिए कोई भी पेनकिलर मत लीजिए.
ऐसे में आपको ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए और पेट में होने वाले दर्द व ऐंठन को कम करने के लिए नियमित रूप से गर्म पानी का सेक लें.
योनि से डिस्चार्ज होने पर डॉक्टर को दिखाएं
मिसकैरेज के बाद यदि आपकी योनि में से किसी भी तरह का गंदा डिस्चार्ज होता है तो इसे अनदेखा न करें बल्कि तुरंत डॉक्टर को दिखाइए.
रेगुलर चेकअप कराते रहें
कई महिलाओं के मन में यह सवाल रहता है कि मिसकैरेज हो जाने के बाद क्या वह दोबारा से माँ बन सकेंगी, तो इसका जवाब है- हाँ. आपको स्वयं को मजबूत रखना है और डॉक्टर से प्रॉपर चेकअप कराते रहें.
संक्रमण से बचें
मिसकैरेज के बाद किसी भी तरह के संक्रमण से बचकर रहें. यदि आपको किसी भी तरह का बुखार आता है तो उसे अनदेखा न करें, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. इसका उपचार एंटीबायोटिक द्वारा किया जा सकता है.
शारीरिक संबंध बनाने से बचें
मिसकैरेज होने के तीन माह तक आपको sexual intercourse यानि की शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए क्योंकि मिसकैरेज के तुरंत बाद संभोग करने से आपके गर्भाशय में इन्फेक्शन का ख़तरा हो सकता है.
मिसकैरेज के कुछ माह बाद ही आपको अगली प्रेगनेंसी के बारे में सोचना चाहिए. यदि आप गर्भपात के तुरंत बाद गर्भवती नहीं होना चाहती हैं तो आप गर्भनिरोधक गोलियां लेना शुरू कर सकती हैं.
दवाओं का नियमित सेवन करें
प्रेगनेंसी कंसीव करने के बाद रोज़ाना फौलिक एसिड लें और अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें. साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का नियमित सेवन करती रहें.
एल्कोहल और स्मोकिंग से दूर रहें
गर्भावस्था के दौरान और गर्भावस्था के बाद भी शराब व धूम्रपान महिला व उसके शिशु दोनों के लिए ही ख़तरनाक साबित होता है. गर्भपात के बाद भी इन नशीले पदार्थों का सेवन बिल्कुल भी न करें. यह आपके शरीर को और भी ज्यादा नुक्सान पहुंचाता है.
शरीर को पूरा आराम दें
मिसकैरेज होने के बाद महिला को अपने शरीर को आराम देना बहुत ही ज़रूरी है क्योंकि गर्भपात के पश्चात् महिला को शारीरिक व भावनात्मक रूप से थकान का अनुभव होता है. इसलिए कमजोरी दूर करने के लिए आपको कम से कम एक माह तक पूरा आराम करना चाहिए.
यदि ऐसा करना संभव न हो सके तो अपने कार्य को इस प्रकार से नियोजित करें कि बीच-बीच में आपको आराम करने का समय मिल सके. सर्वप्रथम अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और जो काम ज़रूरी न हों, उन्हें छोड़ दें.
तनाव से बिल्कुल दूर रहें
गर्भपात को प्रत्येक नारी नारीत्व पर एक धब्बा मानती है. मिसकैरेज हो जाने के बाद अक्सर कुछ महिलाएं डिप्रेशन में भी जा सकती हैं. इसलिए यदि आप इस दर्द से उबरना चाहती हैं तो अपनी सोच को हमेंशा सकारात्मक रखिए. तनाव और डिप्रेशन से दूर रहिए और सदैव ख़ुश रहने का प्रयास कीजिए.
मेडिटेशन या ध्यान करें
मेडिटेशन या ध्यान करना बहुत जल्द ही किसी भी गम से उबरने में आपकी मदद कर सकता है अतः, गर्भपात होने के बाद डिप्रेशन से बचने के लिए आपको मेडिटेशन ज़रूर करना चाहिए. इससे आपके तन-मन को एक नई ऊर्जा मिलती है.
खानपान का विशेष ध्यान रखें
गर्भपात हो जाने के बाद अपने खानपान और अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखें. पौष्टिक आहार लीजिए. रोज़ाना दो से तीन लीटर पानी पीजिए और साथ ही हल्का-फुल्का व्यायाम भी कीजिए. बाहर का जंक फ़ूड, पैक्ड फ़ूड और डिब्बाबंद फ़ूड बिल्कुल भी न खाएं.
तो इस तरह आपको गर्भपात के बाद केयर टिप्स को अपना कर अपना ध्यान रखना चाहिए और साथ ही साथ अपने डॉक्टर के संपर्क में भी रहना चाहिए.
गर्भपात के बाद केयर टिप्स से सम्बंधित सवाल-जवाब
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गर्भपात के बाद क्या खाना चाहिए?
गर्भपात के बाद महिला को संतुलित एवं पौष्टिक भोजन करना चाहिए. गर्भपात के बाद महिला के शरीर में कैल्शियम की भारी कमी हो जाती है अतः इससे बचने के लिए कैल्शियम युक्त चीज़ें खानी चाहिए. जैसे-दूध, ड्राई फ्रूट्स, हरी सब्जियां आदि.
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गर्भपात के बाद मासिक धर्म कब आता है?
Ovulation गर्भपात के 14 दिन बाद होता है और अगला मासिक धर्म या पीरियड 28 दिन बाद आता है. यदि आपके पीरियड्स नॉर्मल रहते हैं तो आप गर्भपात के 14 दिन बाद ही गर्भवती हो सकती हैं.
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गर्भपात के बाद कब तक संभोग नहीं करना चाहिए?
गर्भपात के बाद तब तक संभोग नहीं करना चाहिए जब तक कि महिला को रक्तस्राव होना पूरी तरह से बंद न हो जाए क्योंकि, इससे महिला के गर्भाशय में इन्फेक्शन हो सकता है.
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गर्भपात के बाद महिला के शरीर को रिकवरी के लिए कितना समय लगता है?
गर्भपात के बाद महिला के शरीर को रिकवरी के लिए एक मासिक धर्म अर्थात् 4 से 6 सप्ताह का समय लग जाता है.
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गर्भपात होने के कितने दिन बाद पुनः गर्भधारण किया जा सकता है?
वैसे तो महिला का शरीर गर्भपात के कुछ सप्ताह में ही ovulation और conception के लिए तैयार हो जाता है लेकिन, एक हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए महिला के शरीर को पुनः गर्भधारण करने के लिए कम से कम 3 से 6 माह का समय देना ज़रूरी है.
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क्या खाने से मिसकैरेज होता है?
गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी की शुरुआत में पपीता नहीं खाना चाहिए क्योंकि, पपीता खाने से गर्भपात का ख़तरा बढ़ जाता है. पपीता में मौजूद लेटेक्स नामक तत्व गर्भाशय में संकुचन पैदा करता है और यह गर्भपात के लिए ज़िम्मेदार होता है.
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मिसकैरेज के बाद क्या ध्यान रखना चाहिए?
यदि आपका बार-बार मिसकैरेज हो रहा है तो, कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें:
1. तुरंत प्रेगनेंसी प्लान न करें
2. डॉक्टर से पूछे बिना कोई भी दवा न लें
3. योनि से डिस्चार्ज होने पर डॉक्टर को दिखाएं
4. तनाव से बिल्कुल दूर रहें
5. मिसकैरेज के तुरंत बाद संभोग करने से बचें
6. खानपान का विशेष ध्यान रखें -
गर्भपात के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?
सामन्यतः गर्भपात के बाद डॉक्टर सेक्स करने के लिए दो से चार हफ़्तों तक का समय लेने की सलाह देते हैं लेकिन यह महिला की शारीरिक एवं मानसिक स्थिति पर भी निर्भर करता है.
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गर्भपात के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आने पर क्या करें?
बहुत ही दुर्लभ स्थितियों में गर्भपात के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आ सकता है. ऐसे में आपको अलग-अलग कंपनियों की प्रेगनेंसी किट की मदद से अपने प्रेगनेंसी टेस्ट को क्रॉस चेक कर लेना चाहिए और डॉक्टर से भी ब्लड टेस्ट ज़रूर करवाना चाहिए. यह टेस्ट मिसकैरेज के लगभग दो हफ़्ते बाद किया जाना चाहिए.
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गर्भपात के बाद ब्लीडिंग को कैसे रोकें?
अक्सर गर्भवती महिला को गर्भपात के तीसरे या चौथे दिन रक्त के थक्के बनने और साथ ही दर्द की भी शिकायत होती है. इस दर्द से निजात पाने के लिए गर्म द्रव्यों का सेवन और गर्म पानी की थैली का इस्तेमाल करना चाहिए और ब्लीडिंग से बचने के लिए आयरन युक्त आहार लेना चाहिए.