बेलपत्र के फायदे – 7 Health Benefits Of Belpatra

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बेलपत्र - बेलपत्र के फायदे

बेल का वृक्ष भारतीय संस्कृति में पूजनीय माना जाता है. आज के इस लेख में हम आपको बेलपत्र के फायदे यानि स्वाथ्य लाभ बताने जा रहे हैं.

बेलपत्र क्या है? -Belpatra Kya Hai

बेलपत्र को बिल्व पत्र, बेल, शाण्डिलू, श्रीफल आदि नामों से भी जाना जाता है. बेल के पेड़ की पत्तियों को बेलपत्र कहते हैं. इसमें रोगों को नष्ट करने की क्षमता होती है इसलिए इसे बिल्व कहा जाता है.

बेलपत्र का पौधा – Belpatra Ka Paudha

बेलपत्र का वृक्ष लंबा व घनेदार होता है और बेलपत्र का पौधा कंटीली झाड़ियों की तरह होता है. बेलपत्र की शाखाएं लंबी व कांटेदार होती हैं.

बेलपत्र का पौधा या बेलपत्र का पेड़ तासीर में ठंडा होता है. इसलिए गर्मी से बचने के लिए इसके फल बेल का शर्बत बनाया जाता है और बेलपत्र को पीसकर इसका काढ़ा बनाकर पीने से लू नहीं लगती है.

बेलपत्र के फायदे क्या-क्या हैं? – Belpatra Ke Fayde

आयुर्वेद के अनुसार बेलपत्र में चमत्कारी औषधीय गुण पाए जाते हैं. बेलपत्र का जितना महत्त्व शिव के पूजन अभिषेक में माना जाता है उतना ही महत्व इसका स्वास्थ्य के संबंध में भी है.

बिल्व या बेलपत्र की जड़, छाल, पत्ते, शाखा, फल और फूल सभी औषधि के रूप में बहुत ही उपयोगी हैं. औषधीय गुणों से भरपूर बेलपत्र में लौह, कैल्शियम, टेनिन, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व पाए जाते हैं.

बुखार में असरदार है बेलपत्र का काढ़ा

बुखार होने पर बेल की पत्तियों का सेवन करना फायदेमंद रहता है. बुखार आने पर बेल की पत्तियों को पीसकर इसका काढ़ा बनाया जा सकता है. इसे पीने से बुखार में राहत मिलती है.

कीड़े के काटने पर असरदार है बेलपत्र

यदि आपके शरीर के किसी हिस्से पर कोई कीड़ा जैसे: ततैया, मधुमक्खी, बर्र काट ले तो वहां पर आपको जलन महसूस होगी. ऐसी स्थिति में प्रभावित हिस्से पर बेलपत्र का रस लगाने से तुरंत आराम मिलता है.

हृदय रोग में औषधि का काम करता है

जिनका हृदय कमज़ोर है उन्हें बेलपत्र का काढ़ा पीना चाहिए. इससे हृदय मजबूत होता है और हार्ट अटैक का ख़तरा कम हो जाता है. जिन्हें सांस की दिक्कत है उनके लिए भी बेलपत्र का रस औषधि का काम करता है.

बरसाती मौसम में होने वाली बीमारियों से बचाए

बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों जैसे: सर्दी, जुखाम व बुखार आदि में बेलपत्र के रस में शहद मिलाकर पीने से काफ़ी फायदा मिलता है.

इसलिए बरसात में आप बेलपत्र का उपयोग कर सकते हैं.

बच्चों के लिए लाभदायक

छोटे बच्चों के पेट में कीड़े होने से उन्हें दस्त लगने की समस्या हो सकती है. अतः ऐसे में उन्हें एक चम्मच बेलपत्र का रस पिलाने से दस्त में आराम मिलता है.

हीमोग्लोबिन बढ़ाए

शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने के लिए बेलपत्र व बेल का जूस दोनों ही फायदेमंद होते हैं. इसलिए जिनका हीमोग्लोबिन कम है, यदि वे बेलपत्र के पत्तों का काढ़ा बनाकर पिएं तो उनका हीमोग्लोबिन नॉर्मल रेंज पर आ सकता है.

चोट लगने में फायदेमंद

यदि शरीर के किसी अंग में चोट लग जाए तो वहां पर बेल की पत्तियों का पेस्ट बनाकर लगाना चाहिए. ऐसा करने से चोट वाली जगह पर सूजन व दर्द कम होता है और घाव भी जल्दी भरता है.

बेलपत्र का धार्मिक महत्व – Belpatra Ka Mahatv

धार्मिक दृष्टि से बेलपत्र का विशेष महत्त्व है. बेल का पेड़ संपन्नता व समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. शिवपुराण में बेलपत्र का विशेष महत्त्व बताया गया है.

सावन के महीने में शिवलिंग पर रोज़ बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं. बेलपत्र बहुत ही पवित्र एवं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय होता है और मान्यता है कि बेलपत्र के बिना भगवान शिव की उपासना पूरी नहीं होती.

पुराणों में भी कहा गया है कि ‘दर्शनम् बिल्व पत्रस्य, स्पर्शनंम पाप नाशनम्’ अर्थात् बेलपत्र के दर्शन मात्र से ही पापों का शमन हो जाता है. बेलपत्र के पत्ते, फल एवं पेड़ सभी धार्मिक एवं अध्यात्मिक दृष्टि से भी पूजनीय माने जाते हैं.

चार दल वाला बेलपत्र – Chaar Dal Wala Belpatra

बेलपत्र 3 से 11 दल तक के होते हैं. तीन पत्तियों वाले बेलपत्र तो आसानी से मिल जाते हैं लेकिन चार पत्तियों वाला या चार दल वाला बेलपत्र दुर्लभ एवं चमत्कारी माना जाता है.

ऐसा कहा जाता है कि चार दल वाला बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से इसका अद्भुत फल मिलता है.