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आयुष मंत्रालय का काढ़ा क्या है? -Ayush Mantralay Ka Kadha Kya Hai?
वर्ष 2020 में कोविड–19 वैश्विक महामारी को देखते हुए लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए आयुष विभाग ने एक हर्बल काढ़ा तैयार किया. भारत सरकार ने सभी देशवासियों से आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाए गये आयुष काढ़ा का सेवन करने की अपील की थी. आज इस पोस्ट में हम आयुष काढ़ा बनाने की विधि जानेंगे.
आयुष मंत्रालय ने कहा है कि स्वस्थ रहने के लिए एवं अपनी इम्यूनिटी को मज़बूत करने के लिए दिन में एक से दो बार हर्बल चाय का सेवन करना फायदेमंद रहेगा. इस काढ़े को बनाने में तुलसी के पत्ते, दालचीनी, काली मिर्च, मुनक्का, अदरक आदि का इस्तेमाल किया जाता है.
किसी भी मौसमी बीमारी या संक्रमण में एलोपेथिक दवा लेने से बेहतर है कि आप घरेलू उपचार को प्राथमिकता दें. घर पर ही रहते हुए आयुष मंत्रालय का काढ़ा का सेवन करें और किसी भी तरह के वायरस या संक्रमण से अपनी रक्षा करने के लिए अपनी इम्यूनिटी को मज़बूत बनाने पर ज़ोर दें.
आयुर्वेद के अनुसार, काढ़े को बनाने में प्रयुक्त होने वाले सभी भारतीय मसाले आपके लिए औषधि की तरह काम करते हैं और इनमें आपके शरीर को हमेंशा स्वस्थ एवं निरोग बनाए रखने की क्षमता होती है.
आयुष काढ़ा बनाने की विधि क्या है? – ayush kadha banaane ki vidhi kya hai?
- सबसे पहले एक भगोने में दो कप पानी ले लीजिए.
- इसमें अदरक का पाउडर(सुंठी) या एक इंच अदरक का टुकड़ा डाल दीजिए.
- 8 से 10 तुलसी के पत्ते,
- दो इंच दालचीनी का टुकड़ा,
- 7-8 काली मिर्च,
- चार मुनक्का,
- दो छोटी इलायची,
- 4 से 5 लौंग,
- एक तेज पत्ता डाल दीजिए.
अब इन सभी सामग्रियों को गैस में तब तक उबालिए जब तक कि इसकी मात्रा आधी न रह जाए. जब ये आधी मात्रा में रह जाए तब स्व्वाद के लिए आप इसमें थोड़ा सा गुड़ या नींबू का रस डाल लीजिए. जब गुड़ अच्छी तरह से काढ़े में घुल जाए तब गैस को बंद कर दीजिए. अब आप इस काढ़े को छानकर इसका सेवन कर सकते हैं.
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आयुष काढ़ा बनाते समय सावधानियां – Ayush Kadha Banate Samay Savdhaaniya
कुछ लोग यह गलत धारणा भी फैला रहे हैं कि आयुष काढ़ा आपके लीवर को ख़राब कर सकता है. लेकिन आयुष मंत्रालय ने इन सभी दावों को गलत ठहराया है.
किसी भी चीज़ का सेवन करने से पहले यह सावधानी बरतनी बहुत ज़रूरी होती है कि आप उसका सही मात्रा में इस्तेमाल करें ताकि आपके शरीर में उसका कोई साइडइफैक्ट न हो.
आयुष काढ़ा बनाते समय आपको निम्न बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है:
- काढ़ा बनाते समय इसमें प्रयुक्त होने वाली सभी औषधियों की मात्रा का ख़ास ध्यान रखें.
- यदि आपको काढ़े से किसी प्रकार की कोई समस्या या एलर्जी हो रही है तो इसमें सोंठ, काली मिर्च व दालचीनी की मात्रा कम कर दीजिए.
- वात या पित्त से प्रभावित लोगों को आयुर्वेदिक काढ़ा पीते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. आपको काढ़ा बनाते समय उसमें गर्म तासीर वाली चीज़ों का प्रयोग बहुत कम मात्रा में करना चाहिए.
आयुष काढ़ा बनाने से सम्बंधित सवाल-जवाब
आयुष काढ़ा का सेवन दिन में कितनी बार करना चाहिए?
आयुष काढ़ा का सेवन आप दिन में एक से दो बार कर सकते हैं. बेहतर होगा कि आप सुबह की चाय की जगह पर काढ़ा का सेवन करें.
क्या आयुष काढ़ा का प्रयोग बच्चे भी कर सकते हैं?
जी हां, बच्चों को भी आयुष काढ़ा पिलाया जा सकता है लेकिन इस बात का विशेष ध्यान रखें कि इसकी जितनी मात्रा बड़े लोग लेते हैं उसकी आधी मात्रा ही बच्चों को दें.
क्या आयुष काढ़ा लीवर को नुक्सान पहुंचा सकता है?
जी नहीं, आयुष काढ़ा आपके शरीर को नुक्सान नहीं पहुंचाता है बशर्ते कि इसे बनाने में सही सामग्री का प्रयोग किया जाए और इसका इस्तेमाल उम्र के अनुसार सही मात्रा में ही किया जाए. किसी भी चीज़ का सेवन बेहिसाब करना नुक्सानदायक हो सकता है.
आयुष काढ़ा बनाने में किन सामग्रियों का प्रयोग करें?
आयुष काढ़ा बनाने के लिए मुख्यतः तुलसी के पत्ते, दालचीनी, काली मिर्च, मुनक्का और अदरक का चूर्ण (सोंठ) का प्रयोग किया जाता है.