अर्जुन का वृक्ष आयुर्वेद में प्राचीन समय से ही कई सारी शारीरिक बीमारियों के उपचार के लिए प्रयोग होता रहा है. आइए जानते हैं कि अर्जुन की छाल के फायदे क्या-क्या हैं.
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अर्जुन की छाल क्या है?
अर्जुन एक सदाबहार औषधीय वृक्ष है जिसके पत्ते अमरुद की तरह दिखाई देते हैं और यह वृक्ष पहाड़ी क्षेत्रों में नदियों, नालों व झरनों के किनारे पाया जाता है. अर्जुन की छाल को अर्जुन के पेड़ से प्राप्त किया जाता है.
संस्कृत भाषा में ‘अर्जुन’ शब्द का अर्थ होता है ‘सफ़ेद‘. अर्जुन की छाल का रंग बाहर से सफ़ेद और अंदर से हल्का गुलाबी होता है इसलिए इसके वृक्ष को अर्जुन कहा जाता है.
औषधि के रूप में अर्जुन के पेड़ की छाल को चूर्ण, काढ़ा या अरिष्ट आदि की तरह प्रयोग किया जाता है. अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसका सेवन गर्मियों में करना ज्यादा फायदेमंद होता है.
अर्जुन की छाल के फायदे क्या हैं?
हृदय रोग में
अर्जुन की छाल हृदय रोग के उपचार में काफ़ी फायदेमंद होती है. इसमें हार्ट फेलियर के ख़तरे को भी कम करने की शक्ति होती है. यह कमज़ोर हृदय वाले लोगों को ताकत देने वाली औषधि है. अर्जुन की छाल का अर्क आपके हृदय की कार्य क्षमता को बढ़ाता है. अर्जुन की छाल का पाउडर बनाकर रोज़ाना दूध के साथ लेने से हृदय संबंधित रोगों में राहत मिलती है. जिन लोगों का दिल कमज़ोर होता है और घबराहट महसूस होती है, उन्हें अर्जुन की छाल से बनने वाले अर्जुनारिष्ट का सेवन करना चाहिए. भोजन के बाद दो बड़े चम्मच अर्जुनारिष्ट को आधा कप पानी में घोलकर लगातार तीन माह तक पीजिए. इससे आपका हृदय मजबूत बनेगा और हृदय की मांसपेशियों को ऊर्जा मिलेगी.
शुगर में
अर्जुन की छाल का उपयोग शुगर के मरीज़ के लिए उपयोगी होता है. अर्जुन की छाल के चूर्ण को देसी जामुन के बीजों के साथ पीसकर हर रोज रात को सोने से पहले आधा चम्मच चूर्ण गुनगुने पानी में मिलाकर पीजिए. यह नुस्खा शुगर के रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद है. इसके सेवन से बढ़ी हुई शुगर कंट्रोल में रहती है.
मोटापे में
मोटापे के शिकार लोगों के लिए भी अर्जुन की छाल का काढ़ा पीना फायदेमंद है. यह आपके बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर को भी नियंत्रित करता है.
टूटी हुई हड्डी को जोड़ने में सहायक है
यदि किसी व्यक्ति की हड्डी टूट जाए तो अर्जुन की छाल के पाउडर को दूध में मिलाकर पीना चाहिए. ऐसा करने से टूटी हुई हड्डी तेजी से जुड़ने लगती है. चोट लगी हुई जगह पर इसकी छाल को गर्म पानी के साथ पीसकर इस लेप को लगाने से दर्द में आराम मिलता है.
महिलाओं के लिए भी है फायदेमंद
अर्जुन की छाल महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ी लाभकारी चीज़ है. इसके सेवन से महिलाओं का गर्भाशय मजबूत बनता है. जिन महिलाओं का हार्मोनल चक्र असंतुलित रहता है और पीरियड्स के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव होता है उन्हें अर्जुन की छाल का पाउडर या फिर अर्जुनारिष्ट का सेवन करना चाहिए. इसके प्रयोग से पीरियड्स के दौरान होने वाली अत्यधिक ब्लीडिंग को काफ़ी कम किया जा सकता है.
अर्जुन की छाल से संबंधित सवाल-जवाब – FAQ
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क्या अर्जुन की छाल का उपयोग करना सुरक्षित है?
औषधि के रूप में अर्जुन की छाल का सेवन करना पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है. ख़ासकर हृदय से संबंधित रोगों में ये बहुत लाभकारी औषधि है.
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क्या अर्जुन की छाल के कोई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं?
इसकी ओवरडोज़ लेने से आपको कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है इसलिए इस्तेमाल करने से पहले इसकी मात्रा का भी ध्यान रखना ज़रूरी है. प्रेग्नेंट महिलाओं को इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से सलाह ज़रूर लेनी चाहिए. साथ ही ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को भी बिना डॉक्टर की सलाह के इसे नहीं लेना चाहिए.
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क्या त्वचा के लिए भी अर्जुन की छाल उपयोगी है?
जी हां, अर्जुन की छाल का अर्क त्वचा के रूखेपन को दूर करने में सहायक है. इसका इस्तेमाल करने से त्वचा को नमी मिलती है और त्वचा मुलायम व चमकदार बन जाती है.
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क्या अर्जुन की छाल हार्ट के ब्लॉकेज को खोलने में सहायक है?
जी हां, नियमित रूप से अर्जुन की छाल का सेवन करने से हार्ट की पम्पिंग बढ़ती है और हार्ट की ब्लॉकेज भी खुल जाती है.
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अर्जुन की छाल को किस तरह इस्तेमाल करें?
अर्जुन की छाल को पानी या फिर दूध के साथ इस्तेमाल किया जा सकता है. अर्जुन की छाल को बहुत ज्यादा ना उबालें. पानी में अधिक देर तक उबालने से इसके गुण कम होते जाते हैं. इसे एक गिलास हल्के गुनगुने पानी में डालकर या इसके पाउडर को पानी में घोलकर पी जाएं.
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अर्जुन की छाल की तासीर कैसी होती है?
अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है इसलिए इसे बहुत अधित गर्म पानी में उबालकर ना पिएं.