कोरोना की कौन सी वैक्सीन है कितनी कारगर? – Covaxin vs Covishield vs Sputnik-V

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कोरोना की कौन सी वैक्सीन है कितनी कारगर? - Covaxin vs Covishield vs Sputnik-V

आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कोरोना की कौन सी वैक्सीन है कितनी कारगर? – Covaxin vs Covishield vs Sputnik-V

कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए दुनिया की जानी-मानी कंपनियों ने अपने-अपने तरीके से वैक्सीन तैयार की हैं. जिनमें से मुख्य रूप से तीन वैक्सीन चर्चा में हैं. कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी.

विषय - सूची

कोरोना वैक्सीन लगवाना क्यों है ज़रूरी?

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीनेशन करवाना बहुत ही ज़रूरी है. कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने से कोरोना वायरस का प्रभाव काफ़ी हद तक रोका जा सकता है और इससे ख़तरे की आशंका भी कम रहती है.

लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि वैक्सीन की दोनों डोज़ लेने के बाद भी आप संक्रमित नहीं हो सकते. इसलिए वैक्सीन लगने के बाद भी आपको पूरी-पूरी सावधानी बरतनी चाहिए.

यदि कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ लगवाने के बाद भी कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित हो जाता है तो लक्षण गंभीर नहीं होंगे.

वैक्सीन की दोनों डोज़ लग जाने के बाद आपके शरीर में वायरस के खिलाफ़ एक मजबूत रक्षा कवच तैयार हो जाता है जो आपको वायरस से लड़ने की ताकत देता है.

वैक्सीनेशन से कोरोना संक्रमण के मामले कम होंगे, मृत्यु दर कम करने में मदद मिलेगी और इसकी मदद से कोरोना के नए स्ट्रेन से भी निपटा जा सकेगा इसलिए कोरोना वैक्सीन लगवाना बहुत ज़रूरी है.

कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी वैक्सीन में क्या अंतर है? – Covaxin vs Covishield vs Sputnik-V

कोरोना से निजात पाने के लिए भारत में अभी तक तीन प्रकार की वैक्सीन उपलब्ध हैं कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी. आइए जानते हैं कि इन तीनों वैक्सीन में क्या अंतर है.

कोवैक्सीन (Covaxin)

कोवैक्सीन स्वदेशी वैक्सीन यानि भारत में बनने वाला टीका है जिसका निर्माण इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और भारत बायोटेक कंपनी ने मिलकर किया है. यह वैक्सीन कोविड-19 के मृत वायरस से बनाई गई है.

कोवैक्सीन में कोविड-19 का निष्क्रिय वायरस मौजूद रहता है जो लोगों को नुक्सान पहुंचाए बिना ही उन्हें कोरोना संक्रमण से लड़ने की ताकत देता है और संक्रमण के वक़्त मरीज़ के शरीर में एंटीबॉडीज़ बनाकर वायरस से लड़ता है.

कोविशील्ड (Covishield)

कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्रोजन के साथ मिलकर किया है. यह वैक्सीन चिम्पेंजी में पाए जाने वाले आम सर्दी के संक्रमण के एडोनोवायरस का इस्तेमाल करके बनाई गई है.

कोविशील्ड वैक्सीन कोरोना संक्रमण से बचने के लिए व्यक्ति के शरीर में इम्यून सिस्टम यानि रोध-प्रतिरोधक तंत्र बनाने में मदद करती है.

स्पुतनिकवी (Sputnik-V)

स्पुनिक-वी वैक्सीन का निर्माण रूस के गामालेया नेशनल सेंटर द्वारा किया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि स्पुतनिक-वी वैक्सीन तीनों वैक्सीन में से सबसे ज्यादा असरदार है. स्पुतनिक-वी का पहला टीका हैदराबाद में लगाया गया है. संभावना है कि भारत में इस वैक्सीन का उत्पादन जुलाई से शुरू हो जाएगा.

कोरोना की कौन सी वैक्सीन है कितनी कारगर?

वैज्ञानिकों का यह कहना है कि कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुनिक-वी तीनों ही वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर हैं और तीनों ही वैक्सीन पूर्णतः सुरक्षित हैं.

ट्रायल के नतीजों के अनुसार, कोविशील्ड वैक्सीन को 70 से 90% तक प्रभावी पाया गया, कोवैक्सीन को 81% तक प्रभावी पाया गया है जबकि रूस की स्पुनिक-वी वैक्सीन को 92% तक प्रभावी पाया गया है.

कोरोना की तीनों वैक्सीन की कितनी डोज़ लेनी है और क्या है डोज़ पैटर्न?

कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी तीनों ही वैक्सीन की दो डोज़ प्रत्येक व्यक्ति को लेनी ज़रूरी है. कोवैक्सीन की दोनों डोज़ को लगवाने के बीच 4 से 6 हफ़्तों का अंतर रखा गया है. यानि यदि आपने पहली डोज़ लगवा ली है तो दूसरी डोज़ आपको 4 से 6 हफ़्ते बाद ही लगवानी होगी.

कोविशील्ड वैक्सीन की दो डोज़ के बीच पहले 6 से 8 हफ़्ते का अंतर रखा गया था लेकिन केंद्र सरकार ने अब यह अंतर बढ़ाकर 12 से 16 हफ़्ते का कर दिया है. यानि भारत में कोविशील्ड की दो डोज़ अब 12 से 16 हफ़्तों के बीच लगेंगी.

स्पुतनिक-वी अब तक की सबसे अधिक कारगर वैक्सीन मानी जा रही है इसलिए स्पुनिक-वी की दोनों डोज़ के बीच 21 दिन का अंतर रखा गया है.

वैक्सीन की दोनों डोज़ के बीच इतना समयांतराल इसलिए रखा गया है क्योंकि, वैज्ञानिकों का यह मानना है कि वैक्सीन की दोनों डोज़ के बीच ज्यादा अंतर होने से वैक्सीन का असर प्रभावी रहता है. वैक्सीन लगवाने से पहले डॉक्टर को अपने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी भी अवश्य दें.

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सिर्फ़ टीकाकरण पर ही निर्भर न रहें. वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन ज़रूर करें. असावधानी और लापरवाही बरतकर कोविड-19 को बढ़ावा न दें.

यह कोई भी नहीं जानता कि यह महामारी कब तक रहेगी इसलिए घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनकर रखें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और जागरूक रहें.

कोविड वैक्सीन से सम्बंधित सवाल-जवाब

  1. कोरोना की कितनी वैक्सीन भारत में लग सकती हैं?

    भारत सरकार ने कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक-वी वैक्सीन लगाने की मंजूरी दे दी है.

  2. कोरोना वैक्सीन कितने तापमान पर स्टोर की जा सकती हैं?

    ये तीनों ही वैक्सीन 2 डिग्री सेल्सियस से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच स्टोर करके रखी जा सकती हैं.

  3. क्या कोरोना वैक्सीन की एक डोज़ कोवैक्सीन की और दूसरी डोज़ कोविशील्ड की ले सकते हैं?

    ऐसी गलती बिल्कुल भी न करें. ऐसा करने से वैक्सीन का असर आपके शरीर पर नहीं होगा. आपको कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ एक ही वैक्सीन की लेनी है.
    यदि आपने पहली डोज़ कोवैक्सीन की ली है तो दूसरी डोज़ भी कोवैक्सीन की ही लेनी होगी. इसी प्रकार यदि आपने पहली डोज़ कोविशील्ड की ली है तो दूसरी डोज़ भी कोविशील्ड की ही लेनी चाहिए.

  4. कोरोना वैक्सीन किन्हें लगाई जा रही है?

    कोरोना वैक्सीन हमारे देश में फ़िलहाल 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को लगाई जा रही है.

  5. कोरोना वैक्सीन किन्हें नहीं लगाई जा रही है?

    कोरोना वैक्सीन फ़िलहाल 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, ब्रेस्टफ़ीडिंग कराने वाली महिलाओं और किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को नहीं लगाई जा रही हैं.
    इसके साथ ही वे लोग जो अभी कोरोना से संक्रमित हैं या कोरोना संक्रमण से अभी-अभी ठीक हुए हैं वे भी फ़िलहाल वैक्सीन नहीं लगवा सकते हैं.

  6. यदि वैक्सीन लगवाने के लिए घर के आसपास अप्वाइंटमेंट न मिले तो क्या करें?

    आप दूसरे इलाकों एवं राज्यों में भी अप्वाइंटमेंट लेकर वैक्सीन लगवा सकते हैं.

  7. बच्चों के लिए कोविड की वैक्सीन कब तक आएगी?

    फ़िलहाल ऐसी संभावना है कि बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन अगस्त या सितंबर तक आ सकती है.

  8. क्या जिस सेंटर में वैक्सीन की पहली डोज़ लगवाई है, दूसरी डोज़ भी वहीं से लगवानी होगी?

    जी नहीं, ऐसा ज़रूरी नहीं है कि जिस सेंटर से आपने पहली डोज़ लगवाई है दूसरी डोज़ भी वहीं से लगवाएं. आप वैक्सीन की दोनों डोज़ अलग-अलग सेंटर्स पर भी लगवा सकते हैं.

  9. क्या कोरोना का टीका लगवाने के बाद बुखार आता है?

    विशेषज्ञों का यह कहना है कि वैक्सीनेशन के बाद कुछ लोगों को बुखार, चक्कर आना या बदन दर्द आदि की शिकायत हो सकती है. लेकिन इसमें घबराने वाली बात नहीं है. इसका अर्थ है कि वैक्सीन अपना बेहतर काम कर रही है.

  10. कोरोना संक्रमण से ठीक हो जाने के कितने दिन बाद वैक्सीन लगवानी चाहिए?

    कोरोना संक्रमित लोग संक्रमण से मुक्त हो जाने के कम से कम एक माह बाद ही वैक्सीन लगवाएं. जो लोग कोरोना वायरस से लड़कर ठीक हो चुके हैं वे, ठीक हो जाने के कम से कम एक महीने बाद ही कोरोना की वैक्सीन लगवा सकते हैं.

  11. कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत क्या है?

    कोवैक्सीन और कोविशील्ड, दोनों ही वैक्सीन सरकारी अस्पतालों एवं सरकारी केंद्रों पर मुफ़्त में लगाईं जा रही हैं. लेकिन प्राइवेट अस्पताल में इन दोनों ही वैक्सीन को लगवाने के लिए आपको 250 रूपए प्रति डोज़ का भुगतान करना होगा.

  12. क्या कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ से इम्यूनिटी बढ़ती है?

    नहीं, कोरोना वैक्सीन की पहली डोज़ वायरस को पहचानने में हमारे शरीर की मदद करती है. कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज़ ही हमारे शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए इम्यूनिटी बढ़ाती है.

  13. कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़ क्यों है ज़रूरी?

    कोरोना वैक्सीन का दूसरा डोज़ वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाता है. दूसरी डोज़ लगने के 14 दिन बाद ही कोरोना वैक्सीन का असली असर होता है. वैक्सीन का पहला डोज़ सिर्फ़ वायरस को पहचानने में मदद करता है.

  14. क्या कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी कोरोना हो सकता है?

    विशेषज्ञों के अनुसार, वैक्सीन की दोनों डोज़ लगने के बाद भी कोरोना होने की संभावना हो सकती है लेकिन, वैक्सीन लग जाने की वजह से लक्षण गंभीर नहीं होंगे.

  15. क्या कोरोना से ठीक हुए लोगों को भी वैक्सीन लगवानी चाहिए?

    जी हां, यदि आप कोरोना वायरस के संक्रमण से रिकवर हो चुके हैं तब भी आपको वैक्सीन लगवाना ज़रूरी है. आप यह वैक्सीन रिकवर होने के एक माह बाद लगवा सकते हैं.

  16. कोविड वैक्सीन लगने के बाद शरीर में कैसे लक्षण दिखाई देते हैं?

    वैक्सीन लगने के बाद शरीर में हल्का दर्द, सिरदर्द, बुखार और चक्कर आना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में आप डॉक्टर से दवा ले सकते हैं.

  17. क्या वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना हो सकता है?

    वैक्सीन आपको कोरोना से बचाव की 100% गारंटी तो नहीं देती है लेकिन, वैक्सीन लगवाने के बाद आपका शरीर किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हो जाता है.

भारत में कोविड टीकाकरण की शुरुआत

कोविड-19 के बढ़ते हुए संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए भारत में कोविड टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है. भारत में कोविड टीकाकरण के पहले चरण की शुरुआत 16 जनवरी, 2021 में हुई थी.

फ़िलहाल हमारे देश में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दो वैक्सीन कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. ऐसी संभावना है कि अगले हफ़्ते से देश में स्पुनिक-वी वैक्सीन भी लगनी शुरू हो जाएगी.

कोरोना के पहले फ़ेस को देखते हुए भारत सरकार ने सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मी जैसे: डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोगों को कोविड वैक्सीन देने की शुरुआत की.

कोविड टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत 2 फरवरी, 2021 से हुई जिसके अंतर्गत फ्रंटलाइन वर्कर्स जैसे: पुलिसकर्मी, पैरामिलिट्री फ़ोर्स और सैन्यकर्मियों को कोविड वैक्सीन लगाईं गई.

कोविड टीकाकरण के तीसरे चरण की शुरुआत 1 मार्च, 2021 में हुई थी जिसमें सीनियर सिटिजन यानि 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले और किसी न किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन दी गई.

कोविड टीकाकरण अभियान के चौथे चरण में 1 अप्रैल, 2021 से 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाना शुरू किया गया.

मार्च के महीने में कोरोना के नए वेरिएंट ने बच्चों और युवाओं को बड़ी तेजी से अपना निशाना बनाया. कोरोना की इस दूसरी लहर ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया. इसलिए भारत सरकार ने 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के सभी लोगों को 1 मई, 2021 से कोरोना का टीका लगाने की अनुमति दे दी है.