रामनवमी कब है? – रामनवमी क्यों और कैसे मनाई जाती है? – 2022

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रामनवमी कब है?

भारतवर्ष अनेक त्यौहारों का देश है. यहां पर सभी धर्मों के अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं. रामनवमी भी उनमें से ही एक पर्व है जो सनातन धर्म में सबसे पूज्य पर्व माना जाता है. क्या आप जानते हैं कि रामनवमी कब है और रामनवमी क्यों मनाई जाती है? आज के इस आर्टिकल में हम आपको इसकी पूरी जानकारी दे रहे हैं.

रामनवमी कब है? – Ramnavami Kab Hai?

रामनवमी का त्यौहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है. हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार इस दिन त्रेतायुग में भगवान श्री राम ने अयोध्या में जन्म लिया था.

इसी ख़ुशी में हर वर्ष हिन्दू धर्म के अनुयायी भगवान राम के जन्मदिवस को उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाते हैं. इस साल 2022 में रामनवमी पूरे देश में 10 अप्रैल, 2022 को मनाई जाएगी.

रामनवमी क्यों मनाई जाती है? – Ramnavami Kyon Manai Jati Hai?

धर्म की स्थापना हेतु भगवान विष्णु ने अपने सातवें अवतार के रूप में त्रेतायुग में रघुकुल में राजा दशरथ के घर में जन्म लिया था इसलिए भगवान राम के जन्मोत्सव के रूप में रामनवमी का पर्व मनाया जाता है.

भगवान राम का जन्म रावण के अत्याचारों को ख़त्म करने और दुष्टों का संहार कर पुनः धर्म की स्थापना करने हेतु हुआ था.

चैत्र मास की नवमी के दिन ही नवरात्रि का भी समापन होता है. नवमी की तिथि में कन्या पूजन का विशेष महत्त्व माना गया है. इस दिन 9 कन्याओं एवं एक बालक का पूजन किया जाता है.

ये 9 कन्याएं देवी का स्वरुप एवं एक बालक को बटुक भैरव का स्वरुप माना जाता है. इन सभी का तिलक करने के बाद इन्हें भोजन कराकर उपहार दिया जाता है. इसके पश्चात सभी को प्रेमभाव से विदा किया जाता है.

शास्त्रों में यह भी कहा जाता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए श्री राम ने मां दुर्गा की उपासना की थी.

श्री राम का सम्पूर्ण जीवन मानव जीवन को यह सीख देता है कि किस प्रकार से विकट परिस्थितियों में भी बिना विचलित हुए व्यक्ति संयमित, नियंत्रित, मर्यादित और संस्कारित जीवन जी सकता है. भगवान राम के इन्हीं आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करने हेतु ही रामनवमी मनाई जाती है.

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रामनवमी कैसे मनाई जाती है? – Ramnavami Kaise Manai Jati Hai?

रामनवमी पूरे भारतवर्ष में बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है. इस दिन कई लोग अयोध्या जाकर सरयू नदी में स्नान करते हैं और व्रत रखते हैं. प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में इस दिन चैत्र राम मेले का भव्य आयोजन किया जाता है.

घरों एवं मंदिरों में ‘रामचरितमानस’ तथा ‘रामायण’ का पाठ किया जाता है और कई जगहों पर पुराणों का भी आयोजन किया जाता है. लोग श्री राम की भक्ति में डूबकर श्री राम की कथाएं और भजन सुनते हैं. श्री राम की प्रतिमा को झूले में झुलाया जाता है. वैष्णव समुदाय में यह त्यौहार विशेष तौर पर मनाया जाता है.                                                                      

रामनवमी का महत्व – Ramnavami ka Mahatv

वैसे तो चैत्र नवरात्रि के हर दिन का अपना महत्व माना गया है लेकिन, नवरात्रि के नवें दिन का महत्व इसलिए अधिक बढ़ जाता है क्योंकि, इसी दिन रामनवमी भी मनाई जाती है. इस दिन मां दुर्गा और राम-सीता का पूजन किया जाता है.

रामनवमी का दिन साल के शुभ दिनों में से एक माना जाता है इसलिए इस दिन किसी भी शुभ कार्य का शुभारंभ करना बहुत अच्छा माना जाता है. कई लोग इस शुभ दिन पर अपने नए जीवन की शुरुआत करते हैं तो कुछ लोग इसी दिन अपने नए घर, नई दुकान या नए ऑफिस का उदघाटन भी करते हैं.

‘राम’ मात्र एक शब्द या एक नाम नहीं है अपितु यह सनातन धर्म की पहचान है. ‘राम’ हिन्दुस्तान की सभ्यता एवं संस्कृति की अनमोल विरासत है और हिन्दुओं की एकता व अखंडता का प्रतीक है. किंतु यह आज के समय की विडम्बना है कि कुछ लोगों ने राम को ही राजनीति का साधन बना दिया है. हिन्दू धर्म के ही कुछ लोग आज राम के अस्तित्व पर सवाल उठाते हैं.

भगवान राम आदर्श व्यक्तित्व के प्रतीक हैं. मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का पूरा जीवन आदर्शों व संघर्षों से भरा पड़ा है. राम किसी व्यक्ति विशेष के नहीं अपितु समस्त संसार के हैं. नर हो या वानर, मानव हो या दानव सभी से उनका लगाव है. राम का जीवन आम आदमी का जीवन है.

अपार शक्ति के स्वामी होते हुए भी राम संयमित हैं, अहंकार से परे हैं तथा मर्यादित हैं. इसीलिए भगवान राम के आदर्शों का आज भी जनमानस पर गहरा प्रभाव है और युगों-युगों तक रहेगा. समस्त मानवजन को भी श्री राम के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास अवश्य करना चाहिए.

सभी पाठकगणों को रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं.

…. Happy Ram Navami ….

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