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गणतंत्र दिवस कब मनाया जाता है?
हर साल 26 जनवरी को हमारा देश भारतवर्ष अपना गणतंत्र दिवस मनाता है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
आज हम सभी भारतवासी अपना 73वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. आज का यह दिन किसी भी विशेष धर्म, जाति या संप्रदाय से न जुड़कर राष्ट्रीयता से जुड़ा हुआ है इसलिए यह राष्ट्रीय पर्व पूरे भारतवर्ष में हर धर्म, संप्रदाय और हर जाति के लोगों के द्वारा बड़े उत्साह और सम्मान के साथ मनाया जाता है.
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान ‘भारतीय संविधान’ वैसे तो 26 नवंबर, 1949 को ही बनकर तैयार हो गया था और इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना भी लिया था लेकिन इसे लागू किया गया 26 जनवरी, 1950 को.
इस दिन हमारा देश भारतवर्ष पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान भी लागू हुआ था जिसका निर्माण डॉ.भीमराव अंबेडकर जी ने किया था.
इसलिए भारत का हर एक नागरिक इस उत्सव को राष्ट्रीय पर्व के रूप में आनंद के साथ मनाता है.
गणतंत्र दिवस कैसे मनाया जाता है?
इस ऐतिहासिक मौके पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के इंडिया गेट पर भारत के प्रधानमंत्री शहीद ज्योति का अभिनंदन करने के साथ ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं.
भारत के राष्ट्रपति के द्वारा लाल किले पर ध्वजारोहण करने के बाद सामूहिक रूप से खड़े होकर राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ का गायन होता है और राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ को सलामी दी जाती है.
इस उत्सव को मनाने के लिए देश-विदेश से गणमान्य जनों को आमंत्रित किया जाता है. सभी सरकारी एवं शिक्षण संस्थानों में इस दिन ध्वजारोहण के पश्चात विभिन्न सांस्कृतिक और देशभक्ति से भरपूर कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं. इस दिन देश भर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है.
गणतंत्र दिवस की परेड आकर्षण का केंद्र
गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर नई दिल्ली स्थित राजपथ पर होने वाली परेड आकर्षण का मुख्य केंद्र होती है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों की झांकियां निकलती हैं.
यह परेड राजपथ से शुरू होकर लाल किले तक जाती है और इस भव्य परेड के माध्यम से भारत की एकता, अखंडता, सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति के प्रदर्शन को दिखाया जाता है.
इस परेड में तीनों भारतीय सेनाओं (थल, जल व नभ) के प्रमुख राष्ट्रपति को सलामी देते हैं. आर्मी परेड के बाद देश के सभी राज्य झांकियों के माध्यम से अपनी-अपनी संस्कृति और परंपरा की सुंदर और मनमोहक प्रस्तुति देते हैं.
गणतंत्र दिवस परेड समारोह 2022
इस साल 2022 में देश की राजधानी नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है. इस बार की परेड में कुछ चीज़ें पहली बार दिखाई देंगी. इस साल पहली बार भारतीय वायु सेना के 75 विमानों का भव्य फ्लाई पास्ट किया जाएगा.
भारतवर्ष इस साल अपनी आज़ादी के पूरे 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है, जिसे ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाया जा रहा है. इसकी भी एक झलक को गणतंत्र दिवस के समारोह में प्रस्तुत किया जाएगा.
कोरोना काल में मरीज़ों की सेवा में लगे नर्सिंग ऑफीसर को कोविड वॉरियर की संज्ञा देते हुए उनके सम्मान हेतु उन्हें गणतंत्र दिवस की परेड में आमंत्रित किया गया है.
इस साल कोरोना महामारी की तीसरी लहर के चलते 26 जनवरी को होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में कुछ ज़रूरी बदलाव किए गये हैं. इस बार परेड देखने का मौका भी कम ही लोगों को मिल पाएगा ताकि कोविड के इस दौर में ज्यादा भीड़भाड़ ना हो.
सामान्य परिस्थितियों में राजपथ पर करीब सवा लाख तक दर्शक मौजूद रहते हैं लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार, कोरोना महामारी के चलते इस साल दर्शकों की संख्या 8 हज़ार से अधिक नहीं होगी.
परेड देखने आने वाले लोग कोविड वैक्सीन सार्टिफिकेट के साथ ही परेड देखने आ सकेंगे और 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को परेड देखने की अनुमति नहीं होगी.
कोरोना महामारी की वजह से गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार कोई चीफ़ गेस्ट यानि मुख्य अतिथि मौजूद नहीं होगा लेकिन पहली बार राजपथ पर परेड देखने के लिए जिन लोगों को आमंत्रित किया गया है, उनमें शामिल हैं: Auto Rickshaw Drivers, Construction Workers, Sanitation Workers और Frontline Workers.
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भारत के संविधान का महत्व
भारत का संविधान भारत की एकता, अखंडता और भव्यता का प्रतीक है जिसमें सभी को समान रूप से बराबरी और सम्मान का अधिकार दिया गया है.
यह हमारा संविधान ही है जो हमें अन्य देशों से अलग करता है. हमारा संविधान भारत के सभी जाति, वर्ग और धर्म के लोगों को एक दूसरे से जोड़े रखता है. हमारे संविधान ने सभी देशवासियों को बराबरी का और मनमर्ज़ी से जीने का हक़ दिया है.
बदल गये हैं गणतंत्र दिवस के मायने
आजादी का सपना साकार होने के बाद देश को सही दशा और दिशा देने के लिए ही संविधान का निर्माण किया गया था लेकिन, बदलते वक़्त के साथ ही आज गणतंत्र दिवस के मायने भी कुछ-कुछ बदल गये हैं.
पहले गणतंत्र दिवस पर सिर्फ झंडा नहीं फ़हराया जाता था बल्कि उस वक़्त के लोग सही मायने में अपने संविधान का सम्मान भी करते थे. लेकिन आज हम लोग केवल तिरंगा फहराकर और दो-चार देशभक्ति के गीत गुनगुनाकर अपनी औपचारिकता पूरी कर लेते हैं.
वह जोश और उमंग जो आजादी के पिछले दशकों तक दिखाई देता था, वो कहीं न कहीं अब मंद पड़ने लगा है, भारतीय संविधान द्वारा जनता की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून की आज सरे आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
आज हम गणतंत्र दिवस मना तो रहे हैं लेकिन, आज के दौर में गणतंत्र का अर्थ समझने वाले कितने लोग हैं?
संविधान की मूल भावनाओं को तोड़-मरोड़कर हमारे देश के कुछ नेतागण वोट बैंक की गंदी राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
कमरतोड़ महंगाई ने आम आदमी का जीना मुहाल कर दिया है.
यदि आम इंसान के साथ कोई दुर्घटना हो जाए तो उसे इंसाफ़ मिलने में सालों लग जाते हैं और कभी-कभी तो वो इंसाफ़ मिलने के इंतज़ार में इस दुनिया से ही रूख्सत हो जाता है.
गणतंत्र का सही अर्थ समझें
गणतंत्र का सही अर्थ होता है राष्ट्र यानि देश की जनता का उनके हित में किया गया शासन लेकिन वर्तमान समय में, हमारे देश में सिर्फ़ नेतागणों का ही शासन चलता है और आम जनता तो बस कठपुतली मात्र बनकर रह गई है.
सत्ता के मद में देश को चलाने वाले कुछ भ्रष्ट नेतागण और कुछ भ्रष्ट अधिकारी कभी धर्म, तो कभी जाति के नाम पर अपने ही देश को लूटने में लगे हुए हैं. कानून व्यवस्था मज़ाक बनकर रह गई है.
आजादी मिलने और संविधान लागू होने के इतने वर्षों बाद भी आज भारत अपराध, भ्रष्टाचार, हिंसा, आतंकवाद, गरीबी, बेरोजगारी और अशिक्षा जैसी समस्याओं से जूझ रहा है.
हम सभी को एक होकर इन समस्याओं को ख़त्म करने का प्रयास करना चाहिए. पिछड़ेपन का अंधकार केवल शिक्षा के प्रकाश से ही दूर किया जा सकता है.
जब तक इन सभी समस्याओं से अपना देश बाहर नहीं निकलेगा, ना ही हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का सपना कभी पूरा हो पाएगा और ना ही संविधान निर्माताओं का और भारत कभी भी एक विकसित देश नहीं बन पाएगा.
संविधान ने हमें जितने भी अधिकार दिए हैं वे सिर्फ कागज़ों में ही सीमित ना रह जाए बल्कि देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे ऐसा प्रयास किया जाना चाहिए.
आज लोकतंत्र के इस पावन पर्व पर प्रत्येक नागरिक को मजहब और जाति से ऊपर उठकर देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सामूहिक रूप से सामना करने का और देश में शिक्षा, समानता और सद्भाव को बढ़ावा देने का संकल्प लेना चाहिए ताकि हमारा देश प्रगति के पथ पर और भी आगे बढ़ सके और हमारा राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगा’ सदैव ही ऊंचे आसमान में पूरी आन, बान और शान से लहराता रहे.
सभी पाठकगणों को राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
जय हिंद, वंदेमातरम्.
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