आज हम आपको घर पर च्यवनप्राश बनाने की विधि के बारे में बता रहे हैं जो आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदत करेगा. यदि आप बाजार से च्यवनप्राश नहीं लेना चाहते तो आप स्वयं घर पर भी इसे आसानी से बना सकते हैं. इसमें प्रयोग होने वाली सभी सामग्री बाजार में किसी भी आयुर्वेदिक पंसारी की दुकान पर आसानी से मिल जाती है. सर्दियों में घर पर बना हुआ यह च्यवनप्राश सभी की सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
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घर पर च्यवनप्राश बनाने के फायदे
घर पर बनाये गए च्यवनप्राश में किसी भी तरह की मिलावट की कोई आशंका नहीं रहती साथ ही यह बाजार के च्यवनप्राश की तुलना में सस्ता पड़ता है. इसमें चीनी का प्रयोग आप अपनी जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा कर सकते हैं.
च्यवनप्राश में चीनी इसलिए मिलाई जाती है क्योंकि इसमें प्रयुक्त होने वाली सामग्री में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियां भी शामिल होती हैं जिनका स्वाद बहुत ही कड़वा होता है. लेकिन यदि आपको शुगर फ्री च्यवनप्राश चाहिए तो आप च्यवनप्राश बनाते समय उसमें चीनी ना डालें. चीनी के बजाय आप गुड़ का इस्तेमाल कर सकते हैं.
च्यवनप्राश सर्दियों में सभी को लेना चाहिए क्योंकि ये सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है और ये शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ-साथ हमें कई संक्रामक बीमारियों से भी दूर रखता है. घर पर च्यवनप्राश बनाने की विधि नीचे बताई गई है जिसे आप जरुर पढ़ें.
च्यवनप्राश बनाने के लिए आवश्यक सामग्री
आवश्यक सामग्री- च्यवनप्राश बनाने के लिए मुख्य रूप से आंवले की जरूरत पड़ती है.
- आंवला – 2.5 किलोग्राम
- शहद – 125 ग्राम
- तिल का तेल – 125 ग्राम
- देसी घी – 125 ग्राम
- चीनी – 1.5 किलोग्राम
- सफ़ेद चन्दन – 25 ग्राम
- कमल केशर – 25 ग्राम
- ब्राह्मी – 25 ग्राम
- कचूर – 25 ग्राम
- अश्वगंधा – 25 ग्राम
- बिदरीकंद – 25 ग्राम
- वशाका – 25 ग्राम
- गिलोय – 25 ग्राम
- तुलसी के पत्ते – 25 ग्राम
- मीठा नीम – 25 ग्राम
- मुलेठी – 25 ग्राम
- दालचीनी – 25 ग्राम
- छोटी हरड़ – 25 ग्राम
- शतावरी – 25 ग्राम
- जटामांसी – 25 ग्राम
- दशमूल – 25 ग्राम
- अकरकरा – 25 ग्राम
- बेल – 25 ग्राम
- गोखरू – 25 ग्राम
- लौंग – 25 ग्राम
- पुश्करमूल – 25 ग्राम
- सौंठ – 25 ग्राम
- मुनक्का – 25 ग्राम
- छोटी पिप्पली – 50 ग्राम
- बंसलोचन – 75 ग्राम
- केसर – 1 ग्राम
- तेजपत्ता – 10 ग्राम
- छोटी इलायची – 10 ग्राम
- नाग केशर – 10 ग्राम
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घर पर च्यवनप्राश बनाने की विधि
- सबसे पहले आंवला को 6 लीटर पानी के साथ एक भगोने में उबाल लीजिए. सभी जड़ी-बूटियों को भी पानी में उबलने के लिए रख दें. गोखरू को कपड़े में बांधकर पोटली बनाकर भगोने में डालें, क्योंकि ये हाथ में चुभते हैं. इन सभी सामग्री को पानी में 2 घंटे तक मीडियम आंच पर उबालने के लिए रख दीजिए जब तक कि आंवले नरम ना हो जाए. जब ये उबल जाए तो गैस बंद करके इन्हें ढककर पूरे 12 घंटे के लिए ऐसे ही पानी में छोड़ दीजिए.
- अब भगोने में से एक-एक करके सारे आंवले निकालकर धो लें और दूसरे बर्तन में रखते जाएं और जड़ी-बूटियों को छानकर पानी को स्टोर करके रखें. अब सभी आंवलों में से गुठली निकालकर इन्हें ग्राइंडर जार में डालकर जड़ी-बूटियों के छने हुए पानी के साथ पीसकर पेस्ट बना लीजिए.
- मीडियम आंच पर लोहे की कढ़ाई में तिल का तेल और देसी घी डालकर गर्म कर लीजिए. अब इसमें आंवले के पेस्ट को लगातार चलाते हुए तब तक भूनिए जब तक कि ये गाढ़ा न हो जाए और घी ना छोड़ने लगे. जब घी अलग होने लगे तब इसमें चीनी डालकर फिर से पकाइए और गाढ़ा होने दीजिए. जब ये अच्छे से भून जाए तब गैस बंद करके इसे नीचे उतार लें और इस मिश्रण को ठंडा होने दीजिए.
- छोटी इलायची, तेजपत्ता, दालचीनी, नागकेशर, बंसलोचन और छोटी पिप्पली लेकर इन सभी सामग्री को मिलाकर ग्राइंडर जार में बिल्कुल बारीक पीस लीजिए. फिर इन सभी मसालों को छानकर रख लीजिए.
- पिसे हुए मसालों को ठंडे हुए मिश्रण में मिलाकर उसमें शहद और केसर को भी मिला लीजिए. सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स हो जाने तक मिला लीजिए. आयुर्वेदिक च्यवनप्राश बनकर तैयार है. अब इसे एक साफ airtight बोतल में भरकर रख लीजिए और पूरी सर्दी में इस्तेमाल कीजिए.