हार्ट अटैक या दिल का दौरा (हृदयाघात) एक जानलेवा बीमारी है. दिल की बीमारियों में सबसे तेजी से फैलने वाली बीमारी है हार्ट अटैक. आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि हार्ट अटैक क्या है? हार्ट अटैक के लक्षण कैसे पहचानें?
आजकल के आधुनिक लाइफस्टाइल और अनियमित खानपान के कारण 30 से 40 साल की उम्र में ही लोगों को हृदय से संबंधित बीमारियां होने लगी हैं.
हृदय यानि दिल हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है. हृदय पूरे शरीर की प्राणवायु का महास्रोत है. भारत में हर साल 15% लोगों की मृत्यु हार्ट अटैक की वजह से होती है.
अभी हाल ही में माह जनवरी में प्रसिद्द भूतपूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रहे सौरव गांगुली को भी हार्ट अटैक आया था लेकिन तुरंत इलाज मिलने के कारण वो अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं.
उनका इलाज करने वाले डॉक्टर बताते हैं कि उन्होंने पिछले एक साल से अपने शरीर और हार्ट का चेकअप नहीं करवाया था इसी कारण फिट होने के बावजूद और सही खानपान लेने के बावजूद भी मात्र 48 वर्ष की उम्र में उन्हें हार्ट अटैक आया जिसकी ना तो उन्हें कोई उम्मीद थी और ना ही इसके बारे में उन्होंने कभी सोचा था.
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हार्ट अटैक क्या है?
किसी भी व्यक्ति को अटैक अचानक से ही पड़ता है, चाहे वो हार्ट का अटैक हो या ब्रेन का. मेडिकल की भाषा में हार्ट अटैक को Myocardial Infarction या एम.आई (MI) कहते हैं.
किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक या दिल का दौरा तब पड़ता है जब उसके दिल तक पहुंचने वाले रक्त प्रवाह में ब्लॉकेज हो जाता है.
यह ब्लॉकेज ज्यादा वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य तत्वों के कारण एक ठोस पदार्थ के रूप में धमनियों में एकत्र हो जाता है, जिसकी वजह से दिल की कोशिकाओं पर दबाव पड़ता जाता है और एक दिन यह दबाव इतना अधिक बढ़ जाता है कि यह दिल की कोशिकाओं को डेमेज कर देता है और हार्ट अटैक का कारण बन जाता है.
अर्थात् साधारण भाषा में कहें तो यदि हार्ट को ब्लड सप्लाई मिलना बंद हो जाए तो इसे हार्ट अटैक कहते हैं.
माइल्ड हार्ट अटैक क्या है?
‘माइल्ड हार्ट अटैक’ एक तरह से ‘मेजर हार्ट अटैक’ का पूर्व संकेत होता है जिसमें मरीज़ को सीने में एक हल्का सा झटका महसूस होता है. लेकिन जानकारी की कमी की वजह से आम तौर पर लोग इसे गैस का दर्द समझ लेते हैं.
आम भाषा में इसे छोटा हार्ट अटैक भी कहते हैं. इसके आने के बाद 30 दिन के अंदर दूसरा हार्ट अटैक आने की संभावना 30% तक बढ़ जाती है.
माइल्ड हार्ट अटैक भी उतना ही ख़तरनाक साबित हो सकता है जितना कि बड़ा हार्ट अटैक, लेकिन फिर भी, इसमें मरीज़ को डॉक्टर के पास जाकर अपना सही इलाज करवाने का समय मिल जाता है.
हार्ट अटैक के लक्षण
स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ हृदय का होना बेहद ज़रूरी है. इसलिए दिल के मामले में लापरवाही बिल्कुल भी ना बरतें.
हार्ट अटैक आने से पहले आपका शरीर आपको कुछ संकेत देने लगता है लेकिन जानकारी के अभाव में आप इन संकेतों को अनदेखा करते चले जाते हैं या फिर ध्यान ही नहीं देते हैं और यही लापरवाही एक दिन आप पर भारी पड़ जाती है और आपको हार्ट अटैक जैसी जानलेवा स्थिति का सामना करना पड़ता है.
हार्ट अटैक के लक्षणों को जानना बहुत ज़रूरी है. कई बार तो इसके लक्षण इतने सामान्य दिखाई देते हैं कि इसे मामूली सा दर्द समझकर नज़रंदाज़ कर दिया जाता है, लेकिन ये आपके लिए कितना घातक हो सकता है इसका अंदाज़ा लगाना शायद आपके लिए अभी मुश्किल है.
यदि हार्ट अटैक के लक्षणों को शुरू के एक घंटे के अंदर ही पहचान लिया जाए और तुरंत हार्ट का इलाज हो जाए तो 90% तक संभावना रहती है कि हार्ट को ज्यादा डेमेज नहीं होता और जान जाने का जोखिम भी कम रहता है.
अतः, नीचे बताए गए लक्षणों को अवश्य पहचानें ताकि समय रहते हार्ट अटैक की रोकथाम की जा सके.
1सीने में तेज दर्द होना
हार्ट अटैक का प्रमुख लक्षण है सीने में तेज दर्द होना. कई बार लोग इसे मामूली दर्द समझकर पेन किलर लेते रहते हैं जो कि आपके लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है. सीने में जलन होना, दबाव या भारीपन महसूस होना भी हार्ट अटैक आने का संकेत हो सकता है.
कई बार लोग सीने के दर्द को गैस का दर्द भी समझ लेते हैं लेकिन यह माइल्ड हार्ट अटैक का लक्षण भी हो सकता है इसमें मरीज़ को हल्का सा झटका महसूस होता है, इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
2सांस लेने में तकलीफ़ होना
यदि अचानक से किसी व्यक्ति की सांस फूलने लगे या सांस लेने में तकलीफ़ होने लगे तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए.
3पसीना आना
हार्ट अटैक आने पर कुछ लोगों को बहुत ज्यादा पसीना आने लगता है और साथ ही घबराहट भी होती है यह हार्ट अटैक का संकेत हो सकता है अतः, इस लक्षण को नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
4थकान
यदि बिना मेहनत किए आपको थकान होने लगे तो इसका अर्थ है कि आपको हार्ट अटैक की संभावना हो सकती है. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण हृदय की धमनियां सिकुड़ने लगती हैं जिस वजह से दिल को अपना कार्य करने में काफी मेहनत करनी पड़ती है और इससे हार्ट अटैक आ सकता है.
5हाथ, गर्दन, कंधे या पीठ में दर्द
हाथ, गर्दन, बाएँ कंधे या पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द होना भी हार्ट अटैक का लक्षण हो सकता है.
6चक्कर आना, जी मचलाना, बेचैनी या पेट में दर्द होना
महिलाओं को हार्ट अटैक आने से पहले जबड़े में दर्द होना, चक्कर आना, बेचैनी महसूस होना, जी मचलाना, घबराहट, उल्टी होना या पेट में दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
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हार्ट अटैक क्यों आता है?
हार्ट अटैक आने के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं-
- रक्त धमनियों में ब्लॉकेज होना- रक्त धमनियों में ब्लॉकेज हो जाने से हार्ट अटैक का ख़तरा बना रहता है.
- धूम्रपान या नशा- धूम्रपान या नशा करने वाले लोगों का तंत्रिका तंत्र बुरी तरह से प्रभावित होता है जिससे कोरोनेरी धमनियों में ऐंठन हो सकती है जिससे हार्ट अटैक का ख़तरा अधिक रहता है.
- शारीरिक बीमारियां- कुछ शारीरिक बीमारियां जैसे- कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर या शुगर आदि बहुत अधिक बढ़ जाने की वजह से धमनियों को नुकसान पहुंचता है और हार्ट की नसें डेमेज हो जाती हैं जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ जाता है.
- मानसिक तनाव- किसी भी तरह का मानसिक तनाव, स्ट्रेस या डिप्रेशन हार्ट अटैक का कारण बन सकता है.
- जेनेटिक या आनुवांशिक कारण- यदि परिवार में कोई सदस्य हार्ट की बीमारी से ग्रसित रहा है तो संभावना है कि आपको भी यह समस्या हो सकती है.
- मोटापा- वजन अधिक बढ़ने की वजह से दिल पर ज़ोर पड़ता है और कभी भी हार्ट अटैक आ सकता है.
- आहार- गलत व अनहेल्दी खानपान जैसे- बाहर का खाना, तला-भूना, मिर्च मसालेदार भोजन, जंक फ़ूड अधिक खाने से भी हार्ट अटैक का ख़तरा रहता है.
- बिगड़ता हुआ लाइफ़स्टाइल- बिगड़ता हुआ लाइफस्टाइल आपके शरीर में अनेकों बीमारियों को जन्म देता है. योग, एक्सरसाइज़ न करना, देर रात तक जागकर काम करना, ये सभी गलत आदतें हार्ट अटैक की वजह बन सकती हैं.
- उम्र का असर- बढ़ती उम्र का असर भी आपकी सेहत पर पड़ता है. 40 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष और 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हार्ट अटैक आने की संभावना अधिक रहती है.
- रेगुलर हेल्थ चेकअप ना कराना- अक्सर कुछ लोग अपनी हेल्थ को लेकर गंभीर नहीं होते हैं और ना ही अपना कोई हेल्थ चेकअप कराते हैं. जिस वजह से आपके शरीर में उत्पन्न हो रही बीमारियों का पता आपको बहुत देर से चलता है. आप चाहे कितने भी फिट क्यों न हो आपके लिए हर साल अपने पूरे शरीर का और हृदय का चेकअप करवाना बहुत ज़रूरी है.